सबसे ताकतवर देश की सबसे ताकतवर कुर्सी पर बैठता है
ताकत से बना आदमी
सबसे शानदार दफ़्तर की सबसे शानदार कुर्सी पर बैठता है
पैसों से बना आदमी
सबसे अच्छे विश्वविद्यालय की सबसे अच्छी कुर्सी पर बैठता है
किताबों से बना आदमी
थोड़ा पैसा, थोड़ी किताब और थोड़ी ताकत से बनता है
बुर्ज़ुआ
थोड़ी किताब, थोड़ी कला, थोड़ा अभिनय, थोड़ा घमंड और थोड़ी अमरत्व की लालसा
इनसे मिलजुलकर बनता है कलाकार
और इन्हीं की मात्रा में थोड़ा घट बढ़ से बन जाता है साहित्यकार
झूठ और पागलपन से बनता है
धर्मगुरु
सबसे बड़े झूठ और सबसे हसीन स्वप्न से बनता है
आतंकवादी
हाड़मांस और पैसों से बनता है
खिलाड़ी
थोड़ा थोड़ा सबकुछ मिलाकर बनता है
मध्यमवर्ग
हड्डियों और आँसुओं से बनता है
गरीब
बहुत कम बचे हैं
भावनाओं से बने इंसान
मगर इनका नाम कहीं नहीं आता
लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में