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रविवार, 4 सितंबर 2022

घटना: प्रिय लिखक से मुलाकात

आज आदरणीय उदय प्रकाश जी से उनके निवास पर मिलना हुआ। उन्हें हाल ही में टाइफाइड हुआ था। अभी स्वास्थ्य लाभ कर रह हैं। चलने फिरने में अभी परेशानी हो रही है। वजन 13 किलो कम हो गया है। मैंने अपना पहला उपन्यास जिन चार लोगों को समर्पित किया है उनमें सबसे पहले उदय प्रकाश जी हैं। आज उपन्यास की एक प्रति अपने प्रिय लेखक को भेंट की।

चित्र में पीछे दीवार पर घड़ी, बुद्ध और लिखा हुआ संदेश "I will survive" उनकी अदम्य जिजीविषा के साथ-साथ इस बात को अभिव्यक्त कर रहे हैं कि सत्य और मानवता हमेशा बचे रहेंगे।


शनिवार, 3 सितंबर 2022

ग़ज़ल: कब तक झुट्टे को पूजोगे

22 22 22 22 22 22

जब तक पैसे को पूजोगे
चोर लुटेरे को पूजोगे

जल्दी सोकर सुबह उठोगे
तभी सवेरे को पूजोगे

खोलो अपनी आँखें वरना
सदा अँधेरे को पूजोगे

नहीं पढ़ोगे वीर भगत को
तुम बस पुतले को पूजोगे

ईश्वर जाने कब से मृत है
कब तक मुर्दे को पूजोगे

अब तो जान चुके हो सच तुम
कब तक झुट्टे को पूजोगे