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सोमवार, 1 जनवरी 2018

ग़ज़ल: कब तक ऐसे राज करेगा तेरी ऐसी की तैसी

कब तक ऐसे राज करेगा तेरी ऐसी की तैसी
तू केवल पूँजी का चमचा तेरी ऐसी की तैसी

पाँच साल होने को हैं अब घर घर जाकर देखेगा
करती है कैसे ये जनता तेरी ऐसी की तैसी

खाता भर भर देने का वादा करने वाले तूने
खा डाला जो खाते में था तेरी ऐसी की तैसी

बापू का नाखून नहीं तू गप्पू भी सबसे घटिया
बनता है बापू के जैसा तेरी ऐसी की तैसी

कई पीढ़ियों तक ये सबको नफ़रत के फल बाँटेगा
तूने रोपा है जो पौधा तेरी ऐसी की तैसी