हमें साथ रहते दस वर्ष बीत गये
दस बड़ी अजीब संख्या है
ये कहती है कि दायीं तरफ बैठा एक
मैं हूँ
तुम शून्य हो
मिलकर भले ही हम एक दूसरे से बहुत अधिक हैं
मगर अकेले तुम अस्तित्वहीन हो
हम ग्यारह वर्ष बाद उत्सव मनाएँगें
क्योंकि अगर कोई जादूगर हमें एक संख्या में बदल दे
तो हम ग्यारह होंगे
दस नहीं
ग्यारह की रचना बेहत लाजवाब
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंachcha prayas
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंबहुत ही खुबसूरत
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा लिखा है.
Raksha Bandhan Shayari