बह्र : २१२२ २१२२ २१२
रंग सारे हैं जहाँ हैं तितलियाँ
पर न रंगों की दुकाँ हैं तितलियाँ
गुनगुनाता है चमन इनके किये
फूल पत्तों की जुबाँ हैं तितलियाँ
पंख देखे, रंग देखे, और? बस!
आपने देखी कहाँ हैं तितलियाँ
दिल के बच्चे को ज़रा समझाइए
आने वाले कल की माँ हैं तितलियाँ
बंद कर आँखों को क्षण भर देखिए
रोशनी का कारवाँ हैं तितलियाँ
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंIts super.....Poem
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंबहुत खूब .. तितलियाँ ही तितलियाँ हैं और बहुत कुछ हैं ... सुन्दर ग़ज़ल ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया नासवा जी
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