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मंगलवार, 30 जून 2015

ग़ज़ल : सवाल एक है लेकिन जवाब कितने हैं

बह्र : १२१२ ११२२ १२१२ २२

हर एक शक्ल पे देखो नकाब कितने हैं
सवाल एक है लेकिन जवाब कितने हैं

जले गर आग तो उसको सही दिशा भी मिले
गदर कई हैं मगर इंकिलाब कितने हैं

जो मेर्री रात को रोशन करे वही मेरा
जमीं पे यूँ तो रुचे माहताब कितने हैं

कुछ एक जुल्फ़ के पीछे कुछ एक आँखों के
तुम्हारे हुस्न से खाना ख़राब कितने हैं

किसी के प्यार की कीमत किसी की यारी की
न जाने आज भी बाकी हिसाब कितने हैं

8 टिप्‍पणियां:

  1. हर एक शक्ल पे देखो नकाब कितने हैं
    सवाल एक है लेकिन जवाब कितने हैं

    जले गर आग तो उसको सही दिशा भी मिले
    गदर कई हैं मगर इंकिलाब कितने हैं

    सुन्दर रचना !

    जवाब देंहटाएं

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