अनपढ़ बाबा
सारे जग को
बाँट रहे हैं ज्ञान
भ्रष्टाचारी की सुख सुविधा
और गरीबों की लाचारी
पूर्वजन्म के कर्मों का फल
पाते राजा और भिखारी
सारे प्रश्नों का उत्तर वो
देते एक समान
ध्यान मग्न हो पूजा करना
दान दक्षिणा देना जम कर
व्रत उपवास हमेशा रखना
प्रभु देंगे तुमको घर भर कर
बाबा जी का गणित यही है
और यही विज्ञान
भूत भविष्य इन्हें दिखता है
सबका भाग्य बताते हैं ये
गुरु ईश्वर से भी बढ़कर है
सबको यही सिखाते हैं ये
भगवा वस्त्र पहनकर खुद को
बता रहे भगवान
ये तो आज के ताज़ा माहोल को लिखा है आपने ... ऐसा ही हो रहा है ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दिगंबर जी
हटाएं