शुक्रवार, 28 नवंबर 2014

कविता : ईश्वर और शैतान

महाखलनायक
महानायक के साथ ही पैदा होता है

जैसे ईश्वर के साथ ही पैदा हुआ है
शैतान

शैतान और ईश्वर
दोनों एक दूसरे के पूरक हैं

शैतान तब तक जियेगा
जब तक ईश्वर जिन्दा है

ईश्वर को खत्म कर दो
शैतान अर्थहीन होकर
ख़ुद-ब-ख़ुद खत्म हो जाएगा

मगर इससे पहले तुम्हें सीखना होगा
ईश्वर के बगैर जीना

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