ख़ुदा के साथ यहाँ राम हमनिवाला है
ये राजनीति का सबसे बड़ा मसाला है
जो आपके लिये मस्जिद है या शिवाला है
वो मेरे वास्ते मस्ती की पाठशाला है
सभी रकीब हुये खत्म आपके, अब तो
वो आपको ही डसेगा मियाँ, जो पाला है
छुपा के राज़ यकीनन रखा है दिल में कोई
तभी तो आप के मुँह पे जड़ा ये ताला है
लगे जो आपको बासी व गैर की जूठन
वही तो देश के मज़लूम का निवाला है
बेहतरीन ,ज़वाब नहीं अंदाज़े बयाँ और बयानी का ग़ज़ल के मसौदे का सशक्त विषयवस्तु का।
जवाब देंहटाएंबह्र : मफ़ाइलुन फ़यलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन (1212 1122 1212 22)
ख़ुदा के साथ यहाँ राम हमनिवाला है
ये राजनीति का सबसे बड़ा मसाला है
जो आपके लिये मस्जिद है या शिवाला है
वो मेरे वास्ते मस्ती की पाठशाला है
सभी रकीब हुये खत्म आपके, अब तो
वो आपको ही डसेगा मियाँ, जो पाला है
छुपा के राज़ यकीनन रखा है दिल में कोई
तभी तो आप के मुँह पे जड़ा ये ताला है
लगे जो आपको बासी व गैर की जूठन
वही तो देश के मज़लूम का निवाला है
बहुत बहुत शुक्रिया वीरेन्द्र जी
हटाएंलगे जो आपको बासी व गैर की जूठन
जवाब देंहटाएंवही तो देश के मज़लूम का निवाला है
बहुत उम्दा !
धर्म संसद में हंगामा
क्या कहते हैं ये सपने ?
बहुत बहुत धन्यवाद कालीपद जी
हटाएंबढ़िया बेहतरीन रचना , सज्जन भाई धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
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बहुत बहुत धन्यवाद आशीष जी
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सुमन जी
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ओंकार जी
हटाएंसभी रकीब हुये खत्म आपके, अब तो
जवाब देंहटाएंवो आपको ही डसेगा मियाँ, जो पाला है ...
कमाल का शेर है इस ग़ज़ल का सज्जन जी ... पूरी ग़ज़ल और लाजवाब बहर ...
बहुत बहुत शुक्रिया नासवा साहब
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