कामयाबी
चाहिए तो पाँव ढूँढो
पेड़
ऊँचा है,
न
इसकी छाँव ढूँढो
शहर
से जो माँग लोगे वो मिलेगा
शर्त
इतनी है यहाँ मत गाँव ढूँढो
जीत
लोगे युद्ध सब,
इतना
करो तुम
जो
न हो नियमों में ऐसा दाँव ढूँढो
दौड़ते
रहना,
यहाँ
जिन्दा रहोगे
भीड़
में मत बैठने को ठाँव ढूँढो
नभ
मिलेगा,
गर
करो हल्का स्वयं को
और
उड़ने के लिए पछियाँव ढूढो
बहुत ही खूबसूरत शेरों से सजी ग़ज़ल ... हर शेर पे दाद निकलती है ...
जवाब देंहटाएंतह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ दिगंबर जी।
हटाएंसुंदर ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ओंकार जी
हटाएंशुक्रिया यशोदा जी
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