मिठाई,
पूजा,
आरती,
दक्षिणा
चुपचाप
ये सबकुछ ग्रहण कर लेगा
अगर
देना चाहोगे जानवरों या इंसानों
की बलि
उसे
भी ये चुपचाप स्वीकार कर लेगा
पर
जब माँ बनते हुए बिगड़ जाएगी
तुम्हारी बहू या बेटी की हालत
तब
उसे छोड़कर किसी बड़े अस्पताल
में किसी बड़े आदमी की
बहू
या बेटी के सिरहाने डाक्टरों
की फ़ौज बनकर खडा हो जाएगा
जब
किसी झूठे केस में गिरफ़्तार
कर लिया जाएगा तुम्हारा बेटा
तब
उसे छोड़कर किसी अमीर बाप के
बिगड़े बेटे को बचाने के लिए
वकीलों
की फ़ौज बनकर खड़ा हो जाएगा
जब
तुम स्वर्ग जाने की आशा में
किसी
तरह अपनी जिन्दगी के अंतिम
दिन काट रहे होगे
तब
ये किसी अमीर बूढ़े के लिए
धरती
पर स्वर्ग का इंतजाम कर रहा
होगा
ये
तुम्हारा ईश्वर नहीं है
तुम्हारा
ईश्वर तो कब का मर चुका है
अब
जो दुनिया चला रहा है
वो
ईश्वर पूँजीवादी है
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