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गुरुवार, 20 मार्च 2014

ग़ज़ल : जाति की बात करने से क्या फ़ायदा

बह्र  : २१२ २१२ २१२ २१२

ये ख़ुराफ़ात करने से क्या फ़ायदा
जाति की बात करने से क्या फ़ायदा

हाय से बाय तक चंद पल ही लगें
यूँ मुलाकात करने से क्या फ़ायदा

हार कर जीत ले जो सभी का हृदय
उसकी शहमात करने से क्या फ़ायदा

आँसुओं का लिखा कौन समझा यहाँ?
आँख दावात करने से क्या फ़ायदा

ये जमीं सह सके जो बस उतना बरस
और बरसात करने से क्या फ़ायदा

कुछ नया कह सको गर तो सज्जनसुने
फिर वही बात करने से क्या फ़ायदा

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