एक बहुमंजिली इमारत में प्रवेश करना
दर’असल भरोसा करना है
उसमें लगे कंक्रीट और सरिये की गुणवत्ता पर
कंक्रीट और सरिये के बीच बने रिश्ते पर
और उन सब पर जिनके खून और पसीने ने मिलकर बहुमंजिली इमारत
बनाई
सड़क पर कार चलाना
दर’असल भरोसा करना है
सामने से आते हुए चालक के दिमाग पर
सड़क में लगाये गए चारकोल कंक्रीट पर
सड़क के नीचे की धरती पर
उन सबपर जिन्होंने सड़क बनाई
और सबसे ज्यादा अपने आप पर
इमारते गिरती हैं
सड़कों पर दुर्घटनाएँ होती हैं
पर क्या दुर्घटनाओं के कारण इन सब से हमेशा के लिए उठ जाता
है आपका भरोसा?
दुर्घटनाओं के पत्थर रास्ते में आते रहेंगे
मानवता पानी की बूँद नहीं जिसे कुछ पत्थर मिलकर सोख लें
ये वो नदी है जो बहती रहेगी जब तक प्रेम का एक भी सूरज जलता
रहेगा
कायम रहेगा लोगों का भरोसा बहुमंजिली इमारतों और सड़कों पर
कवि भले ही इन्हें अप्राकृतिक और खतरनाक कह कर कविता-निकाला दे दें
जवाब देंहटाएंजिंदगी भरोषा से ही चलती है
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adbhut soch......behtarin
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .. ये जीवन भी तो भरोसे के कारण ही चल रहा है ... रहेगा या नहीं क्या पता है किसी को ...
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