शनिवार, 8 दिसंबर 2012

कविता : जंगली जानवर


जंगली जानवर
छीन लेते हैं
दूसरों से उनका साथी
अपने रूप या फिर अपनी शक्ति से

जंगली जानवर
छोड़ जाते हैं
अपने साथी को
आनंद भोगने के पश्चात
अपने बच्चे पालने के लिए

जंगली जानवर
अपने दिमाग का प्रयोग
केवल भूख मिटाने
और लड़ने के लिए करते हैं

जंगली जानवर
जंगली ही रहते हैं
अपनी प्रजाति लुप्त हो जाने तक

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