रह गया ठूँठ, कहाँ अब वो शजर बाकी है
अब तो शोलों को ही होनी ये खबर बाकी है
है चुभन तेज बड़ी, रो नहीं सकता
फिर भी
मेरी आँखों में कहीं रेत का घर बाकी है
रात कुछ ओस क्या मरुथल में गिरी, अब दिन भर
आँधियाँ आग की कहती हैं कसर बाकी है
तेरी आँखों के जजीरों पे ही दम टूटा गया
पार करना अभी जुल्फों का भँवर बाकी है
है बड़ा तेज कहीं तू भी न मर जाए सनम
आ मेरे पास तेरे लब पे जहर बाकी है
आ मेरे पास तेरे लब पे जहर बाकी है
तेरी आँखों के समंदर में ही दम टूट गया
जवाब देंहटाएंपार करना अभी जुल्फों का भँवर बाकी है
Waah! Waah! Waah
Bahut hi sundar
bahut achchi rachana.
जवाब देंहटाएं