हमारा इश्क हो केवल कथा तो
निकल आए वो कोई लेखिका तो
मिले मुझको खुदा की तूलिका तो
अगर मैं दूँ मिला भगवा हरा तो
वो दोहों को ही दुनिया मानता है
कहा गर जिंदगी ने सोरठा तो
जिसे वो मानकर सोना बचाए
वही कल हो गया साबित मृदा तो
चढ़ा लो दूध घी फल फूल मेवा
मगर फिर भी नहीं बरसी कृपा तो
जिसे ढूढूँ पिटारी बीन लेकर
वही हो आस्तीनों में छिपा तो
समझदारी है उससे दूर रहना
अगर हो बैल कोई मरखना तो
कहीं बदबू उसे आती नहीं अब
अगर हो बंद उसकी नासिका तो
वाह,,, बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें |
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