यहाँ जग जीत कर बूढ़ा जुआरी
टूट जाता है
अगर दुत्कार दे मूरत तो
शिल्पी टूट जाता है
यही सीखा है केवल आइने को देखकर
हमने
यहाँ सच बोलता है जो वो जल्दी
टूट जाता है
असर दोनों पे होता है खरी आलोचना
का, पर
है मौलिक बेहतर होता, किताबी टूट
जाता है
रहे ये घोंसले में और बच्चों
को भी पाले, पर
लगे उड़ने पे गर पहरा तो पंछी
टूट जाता है
कई तूफ़ान सूनामी ये सीने पर
सहे लेकिन
तली में नाव की हो छेद, माँझी
टूट जाता है
दवा की और सेवा की जरूरत है
इसे लेकिन
दुआ करता न हो कोई तो रोगी
टूट जाता है
हजारों दुश्मनों को मार डाले
बेहिचक लेकिन
लड़े अपने ही लोगों से तो फौजी
टूट जाता है
बहुत सुंदर.. आखिरी शेर बहुत दमदार
जवाब देंहटाएंkya kahne....behtarin
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