धरती के लिए सूरज देवता है
उसकी चमक, उसका ताप
जीवन के लिए एकदम उपयुक्त हैं
कभी पूछो जाकर बाकी ग्रहों से
उनके लिए क्या है सूरज?
यकीनन ग्रेविटॉन जैसा ही होता है प्रेम का कण। तभी तो ये मोड़ देता है दिक्काल को / कम कर देता है समय की गति / इसे कैद करके नहीं रख पातीं / स्थान और समय की विमाएँ। ये रिसता रहता है एक दुनिया से दूसरी दुनिया में / ले जाता है आकर्षण उन स्थानों तक / जहाँ कवि की कल्पना भी नहीं पहुँच पाती। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अभी तक नहीं मिला / लेकिन ब्रह्मांड का कण कण इसे महसूस करता है।
vicharniye khayaal ...bahut achchi kshanika.
जवाब देंहटाएंबढ़िया सोच ।
जवाब देंहटाएंआभार भाई जी ।।
पाते हैं जो लाभ नित, करते हैं तारीफ़ ।
हटाएंजाकर उनसे भी मिलो, पूछो क्या तकलीफ ।
पूछो क्या तकलीफ, ताप कुछ ऐसा सहते ।
दिन पाए ना बीत, मूक हो तपते रहते ।
रविकर हैं नाराज, बड़ी लम्बी हैं रातें ।
करे नहीं आवाज, बड़ी मुश्किल में पाते ।।
बहुत बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंसादर