दुनिया की ऐसी कौन सी जगह है
जहाँ ईश्वर और धर्म के नाम पर
कत्ल नहीं किए गए?
दुनिया का ऐसा कौन सा धर्म है
जो समय बीतने के साथ साथ
सड़ नहीं रहा है?
दर’असल ये सजा है
जो दे रहा है ईश्वर इंसानों को
कुछ मानवों को ईश्वर बना देने की
और कुछ मानवों द्वारा कही एवं लिखी गई बातों को
धर्म बना देने की
यकीनन ग्रेविटॉन जैसा ही होता है प्रेम का कण। तभी तो ये मोड़ देता है दिक्काल को / कम कर देता है समय की गति / इसे कैद करके नहीं रख पातीं / स्थान और समय की विमाएँ। ये रिसता रहता है एक दुनिया से दूसरी दुनिया में / ले जाता है आकर्षण उन स्थानों तक / जहाँ कवि की कल्पना भी नहीं पहुँच पाती। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अभी तक नहीं मिला / लेकिन ब्रह्मांड का कण कण इसे महसूस करता है।
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंविचारणीय बात कही है ...
जवाब देंहटाएंविचारोत्प्रेरक रचना....
जवाब देंहटाएंसादर बधाई....
kan shabdo me apar bhawnao ko vykt karne ki kala koi apse sikhe......mere pas shabd bhi nabache....kya kahoon ...shreshth ya srwashreshtha
जवाब देंहटाएंशब्द दिल को छू गये।
जवाब देंहटाएंविचारणीय अभिव्यक्ति.... समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंआदरणीय धरर्मेन्द्र जी
जवाब देंहटाएंजो धर्म और मजहब के नाम पर अपनी अपनी दुकान चला रहे हैं उन्हें आपकी उपरोक्त पक्तियों में अपने विरूद्व जरूर साझिश नजर आयी होगी। इतने सरल शब्दों में इतनी बेबाकी से सच को समाने रखने के लिये आपको बधाई
अशोक कुमार शुक्ला
बिलकुल सही कह रही है आपकी रचना.
जवाब देंहटाएंbahut ghare arth sundar
जवाब देंहटाएंहां सच कह रहे हैं आप
जवाब देंहटाएं"दर’असल ये सजा है
जवाब देंहटाएंजो दे रहा है ईश्वर इंसानों को
कुछ मानवों को ईश्वर बना देने की
और कुछ मानवों द्वारा कही एवं लिखी गई बातों को
धर्म बना देने की"
कितने सरल शब्दों में कितनी बड़ी बात कह दी आपने! समाज का एक असुंदर सत्य और बड़ी विडंबना ! जो धर्म प्रेम के लिये होना चा्हिए वही नफ़रत, हिंसा और दंगों का बड़ा कारण बनता है !