समय
हम दोनों को बहा ले गया है
एक दूसरे के घटना क्षितिज (event horizon) के पार
अब हमारे साथ घटने वाली घटनाएँ
एक दूसरे को प्रभावित नहीं कर सकतीं
यह जानने का अब हमारे तुम्हारे पास कोई जरिया नहीं बचा
कि कैसी हो मेरे बिना तुम
और तुम्हारे बिना मैं
अब अगर हम महसूस कर सकें
एक दूसरे का दर्द
बिना सूचनाओं के आदान प्रदान के
तब समझना
कि जो संबंध हममें और तुममें था
वह कोई आकर्षण बल नहीं
बल्कि एक क्वांटम जुड़ाव (quantum entanglement) था
जो जुड़ गया था
ब्रह्मांड में हमारी उत्पत्ति के साथ ही
और जिसे समय भी खत्म नहीं कर सकता
यदि ऐसा हुआ
तब समझना
कि हमें फिर मिलने से कोई नहीं रोक सकता
हमारा मिलना
केवल समय की बात है
और समय बीतने के साथ ही
बढ़ती जा रही है
हमारे मिलन की संभावना
यकीनन ग्रेविटॉन जैसा ही होता है प्रेम का कण। तभी तो ये मोड़ देता है दिक्काल को / कम कर देता है समय की गति / इसे कैद करके नहीं रख पातीं / स्थान और समय की विमाएँ। ये रिसता रहता है एक दुनिया से दूसरी दुनिया में / ले जाता है आकर्षण उन स्थानों तक / जहाँ कवि की कल्पना भी नहीं पहुँच पाती। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अभी तक नहीं मिला / लेकिन ब्रह्मांड का कण कण इसे महसूस करता है।
सींचा आँसू -लहू से, संग में जो उद्यान |
जवाब देंहटाएंहम हैं असली बागवाँ, जल्द मिलेंगे आन ||
गूढ अर्थ वाले तकनीकी शब्दों का कविता में सुंदर और सहज विवेचन करने में पारंगत हैं आप। बधाई।
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।
http://tetalaa.blogspot.com/
अद्भुत सोच लिए अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपसी रिश्तों के ताने बाने में बंधी शशक्त रचना ... सोच को नयी दिशा डी है ...
जवाब देंहटाएंसंबंधों की सार्थकता परिभाषित करती सुन्दर रचना!
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