आज मातृ-दिवस है, तो इस अवसर पर प्रस्तुत है एक ग़ज़ल
ठंढे बादल सी ममता, कब बरसात नहीं होती?
माँ का दिल ऐसी धरती, जिस पर रात नहीं होती ॥१॥
छप्पन भोगों से लगते, सूखी रोटी, तेल, नमक
दूजा अमृत भी धर दे, माँ सी बात नहीं होती ॥२॥
दानव से जब जब हारे, इंसाँ बन ईश्वर जन्मे
पा ली माँ की पाक दुआ, जिससे मात नहीं होती ॥३॥
हम इंसानों ने माँ को, कितना कष्ट दिया लेकिन
शैताँ कोशिश कर हारा, माँ पर घात नहीं होती ॥४॥
नाम पिता दे, शौहर दे, लेकिन फूल, दुआ, बारिश,
शीतल झोंका, छाया, माँ, इनकी जात नहीं होती ॥५॥
यकीनन ग्रेविटॉन जैसा ही होता है प्रेम का कण। तभी तो ये मोड़ देता है दिक्काल को / कम कर देता है समय की गति / इसे कैद करके नहीं रख पातीं / स्थान और समय की विमाएँ। ये रिसता रहता है एक दुनिया से दूसरी दुनिया में / ले जाता है आकर्षण उन स्थानों तक / जहाँ कवि की कल्पना भी नहीं पहुँच पाती। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अभी तक नहीं मिला / लेकिन ब्रह्मांड का कण कण इसे महसूस करता है।
awesome.
जवाब देंहटाएंvivek
maa ki dua ke aage koi nahin aata
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत गज़ल ..
जवाब देंहटाएंमत्रिदिवास कि बहुत -बहुत शुभकामनायें धर्मेन्द्र जी....
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने माँ कि दुआओं के आगे कोई नहीं नहीं आता दुनिया कि किसी भी सख्ती से माँ कि ममता भारी है!
विवेक जी, रश्मि जी, संगीता जी एवं आनंद जी, आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंमातृ-दिवस पर एक ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंआज मातृ-दिवस है, तो इस अवसर पर प्रस्तुत है एक ग़ज़ल
ठंढे बादल सी ममता, कब बरसात नहीं होती?
माँ का दिल ऐसी धरती, जिस पर रात नहीं होती ॥१॥
छप्पन भोगों से लगते, सूखी रोटी, तेल, नमक
दूजा अमृत भी धर दे, माँ सी बात नहीं होती ॥२॥
दानव से जब जब हारे, इंसाँ बन ईश्वर जन्मे
पा ली माँ की पाक दुआ, जिससे मात नहीं होती ॥३॥
हम इंसानों ने माँ को, कितना कष्ट दिया लेकिन
शैताँ कोशिश कर हारा, माँ पर घात नहीं होती ॥४॥
नाम पिता दे, शौहर दे, लेकिन फूल, दुआ, बारिश,
शीतल झोंका, छाया, माँ, इनकी जात नहीं होती ॥५॥
i love u mom
मा तुम बिन उदास है मेरी श्याम और सुबहा, ढूँढूं तुम्हे, कहा खो गये हो तुम कहा, प्यार से मेरा नाम बुलाना याद रहे गा, वोह हर वक़्त मुझे बालों में सहलाना मुझे याद रहे गा, दिल में कुछ अजीब सी तढ़प है, रेह रेह कर तेरा प्यार याद आ रहा है, कहा गये तुम, कहा हो कुछ मालूम नही है, हम से सब नाते रिश्ते त़ोड कर कहा गये हो मा, वक़्त की आंधी ने तुम्हे एसा जलाया, तुमहरा कुछ निशान बाकी ना रहा, तुमहरा प्यार ज़िंदगी भार याद रहे गा, एसा प्यार कहीं पा ना पाएँ गी, एसा प्यार एसी ममता मा ही दे सकती है, जब मा नही तो मा का दीदार कहा से, बस सुनेहरी यादें ही तुम्हारी, मेरी यादें बन गयी, मा याद है, तुमहरा मुझे नर्गिस का पोधा देना, वोह आज भी खिला करता है, हमारे आंगण में, बहुत सुन्दर सजीले गुलाबी फूल खिल कर, हवा से बातें किया करतें है, मा वो खिले फूल मुझे तुम्हारी याद दिलाते है, लगता है, मेरी मा कहीं फूलों में मुस्कुरा रही है, गुलशन को अपनी सुगंध से मेहका रही है.
जवाब देंहटाएंi love u mom i love u mom i rely rely miss u mom