दर्द क्या है?
शारीरिक दर्द क्या है?
शरीर के विभिन्न हिस्सों से निकलने वाली,
कम ऊर्जा की विद्युत धाराएँ,
जो तन्त्रिकाओं के रास्ते दिमाग तक पहुँचती हैं,
और दिमाग इन तरंगों का मिलान,
अपने पास पहले से उपस्थित सूचनाओं से करके,
हमें अहसास दिलाता है,
कि ये तो दर्द की विद्युत धाराएँ हैं।
मानसिक दर्द क्या है,
दिमाग के एक हिस्से से निकलने वाली विद्युत तरंगें,
जिस हिस्से में याददाश्त होती है,
और ये तरंगें जब दिमाग के,
दर्द महसूस करने वाले हिस्से में पहुँचती हैं,
तो फिर एक बार सूचनाओं का मिलान होता है,
और दर्द की अनुभूति होती है,
इस दर्द की कोई सीमा नहीं होती,
क्योंकि आदमी का दिमाग,
असीमित विद्युत उर्जा उत्पन्न कर सकता है।
आजकल मैं कोशिश कर रहा हूँ,
दिमाग में उपस्थित पूर्व सूचनाएँ नष्ट करने की,
और इसका एक आसान रास्ता है,
सूचनाओं के ऊपर दूसरी सूचनाएँ भर देना,
आजकल मैं खूब चलचित्र देख रहा हूँ,
खूब कविताएँ पढ़ रहा हूँ,
उपन्यासों की तो बस पूछिये ही मत,
और विज्ञान की उन समीकरणों को भी,
समझने की कोशिश कर रहा हूँ,
जिनसे मैं हमेशा ही,
डरता था।
जल्द ही मैं अपने दिमाग में,
इतनी सूचनाएँ भर दूँगा,
कि उसकी यादें या तो मिट जाएँगी,
या इतने गहरे दब जाएँगी कि दिमाग को,
ढूँढने पर भी नहीं मिलेंगी,
और तब मैं मुक्ति पा सकूँगा,
इस बेरहम दर्द से।
यकीनन ग्रेविटॉन जैसा ही होता है प्रेम का कण। तभी तो ये मोड़ देता है दिक्काल को / कम कर देता है समय की गति / इसे कैद करके नहीं रख पातीं / स्थान और समय की विमाएँ। ये रिसता रहता है एक दुनिया से दूसरी दुनिया में / ले जाता है आकर्षण उन स्थानों तक / जहाँ कवि की कल्पना भी नहीं पहुँच पाती। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अभी तक नहीं मिला / लेकिन ब्रह्मांड का कण कण इसे महसूस करता है।
बहुत अच्छी कविता..............
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट !
शानदार पोस्ट
जवाब देंहटाएं