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मंगलवार, 29 जून 2010

मेरा जिला

मेरा जिला मेरी रगों में बसा है,
मेरी यादें अक्सर रात के अँधेरों में,
घूमती हैं मेरे जिले की गलियों में,
वो स्कूल जिसमें मैंने अपने सात साल गुजारे,
आज भी वो मुझे खींच ले जाता है,
मेरे बचपन की शरारतों में,
वो कालेज जिसमें मैंने अपने सात साल गुजारे,
वो मुझे घसीट लेता है,
किशोरावस्था की मस्तियों में,
मेरे कितने सारे टुकड़े बिखरे पड़े हैं,
मेरे जिले के चप्पे चप्पे में,
और लोग कहते हैं,
इन सबको छोड़कर,
दिल्ली में मकान ले लो,
लखनऊ में मकान ले लो।

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