एक दिन मैंने पूछा,
भाई बाँस,
तुम हो विश्व की सबसे लम्बी घास,
कैसा लगता है तुम्हें?
वो बोला क्या बताऊँ,
नीचे सारे पेड़ आपस में बातें करते हैं,
एक दूसरे के साथ खेलते हैं,
हवायें चलती हैं तो एक दूसरे को चूमते हैं,
और मैं यहाँ अकेले खड़ा-खड़ा,
जिन्दगी से तंग आ जाता हूँ,
जब मैं बड़ा होकर झुकता हूँ,
यह सोचकर कि मैं भी औरों के साथ रहूँ,
तो भरी जवानी में लोग मुझे काट ले जाते हैं,
और मैं फिर से बढ़ते लगता हूँ,
तन्हा जीने-मरने के लिये।
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