पृष्ठ

सोमवार, 14 दिसंबर 2009

मेरा चाँद आज आधा है

मेरा चाँद आज आधा है ।

उखड़ा हुआ मुखड़ा, सूजी हुई आँखें,
आज इसकी आँखों में, नमी कुछ ज्यादा है,
मेरा चाँद आज आधा है।

बात क्या हो गयी है, रात रो सी रही है,
जाने क्यों कष्ट इसे, आज कुछ ज्यादा है,
मेरा चाँद आज आधा है।

घबरा मत चाँद मेरे, दुख की इन रातों में,
साथ तेरे रहूँगा मैं, मेरा तुझसे वादा है,
मेरा चाँद आज आधा है।

1 टिप्पणी:

जो मन में आ रहा है कह डालिए।