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शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2009

स्वर्ग-नर्क

स्वर्ग-नर्क की बात सोचकर

बाल न अपने नोंच,

दोनों में कुछ अन्तर है

तो वो है अपनी सोंच;

 

स्वर्ग सुखी है बड़ा

वहाँ परियाँ हैं आतीं,

यही सोचकर नर्क

दुखी है मेरे साथी;

 

नर्क में बड़ा कष्ट

वहाँ राक्षस तड़पाते,

यही सोचकर स्वर्ग

में सभी हँसते-गाते;

 

इतनी सी है बात

न दोनों में अन्तर है,

बाकी सब विद्वानों का

जन्तर-मन्तर है।

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