स्वर्ग-नर्क की बात सोचकर
बाल न अपने नोंच,
दोनों में कुछ अन्तर है
तो वो है अपनी सोंच;
स्वर्ग सुखी है बड़ा
वहाँ परियाँ हैं आतीं,
यही सोचकर नर्क
दुखी है मेरे साथी;
नर्क में बड़ा कष्ट
वहाँ राक्षस तड़पाते,
यही सोचकर स्वर्ग
में सभी हँसते-गाते;
इतनी सी है बात
न दोनों में अन्तर है,
बाकी सब विद्वानों का
जन्तर-मन्तर है।
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