सहयात्री मिल जाते!
इस जीवन यात्रा के क्षण दो-
क्षण तो मधुरिम हो जाते;
सहयात्री मिल जाते!
कुछ समीप की कुछ सुदूर-
की हो जातीं कुछ बातें;
सहयात्री मिल जाते!
वो कुछ कहते, हम कुछ-
कहते, हँसते और हँसाते;
सहयात्री मिल जाते!
क्षण भर के ही पर कुछ-
बन्धन औरों से बँध जाते;
सहयात्री मिल जाते।
कुछ पल उड़ते पंख
लगाकर यूँ ही आते-जाते;
सहयात्री मिल जाते।
इस लम्बी यात्रा के कुछ-
क्षण स्मृतियों में बस जाते;
सहयात्री मिल जाते।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
जो मन में आ रहा है कह डालिए।