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बुधवार, 16 सितंबर 2009

कैसे आऊंगा मैं तेरी शादी में

कैसे आऊँगा मैं तेरी शादी में?

 

तुझे किसी और की होते, कैसे देख पाऊँगा मैं?

तेरी शादी में;

 

दिल रो रहा होगा मेरा,

तो आँसू आँखों के कैसे रोक पाऊँगा मैं?

तेरी शादी में;

 

तू उन्हें देख शर्मा के मुस्कायेगी,

आग सी मेरे तन-मन में लग जायेगी,

खाक हो जाऊँगा मैं,

तेरी शादी में;

 

वरमाला जो तू पिया को पहनायेगी,

फंदा बन के गला मेरा दबायेगी,

घुट के मर जाऊँगा मैं,

तेरी शादी में;

 

संग पिया के जब तू होगी विदा,

भूल जाऊँगा मैं क्या है अच्छा-बुरा,

ड़रता हूँ कि कत्ल-ए-आम कर जाऊँगा मैं,

तेरी शादी में;

 

कैसे आऊँगा मैं तेरी शादी में?

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