कैसे आऊँगा मैं तेरी शादी में?
तुझे किसी और की होते, कैसे देख पाऊँगा मैं?
तेरी शादी में;
दिल रो रहा होगा मेरा,
तो आँसू आँखों के कैसे रोक पाऊँगा मैं?
तेरी शादी में;
तू उन्हें देख शर्मा के मुस्कायेगी,
आग सी मेरे तन-मन में लग जायेगी,
खाक हो जाऊँगा मैं,
तेरी शादी में;
वरमाला जो तू पिया को पहनायेगी,
फंदा बन के गला मेरा दबायेगी,
घुट के मर जाऊँगा मैं,
तेरी शादी में;
संग पिया के जब तू होगी विदा,
भूल जाऊँगा मैं क्या है अच्छा-बुरा,
ड़रता हूँ कि कत्ल-ए-आम कर जाऊँगा मैं,
तेरी शादी में;
कैसे आऊँगा मैं तेरी शादी में?
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