पृष्ठ

बुधवार, 16 सितंबर 2009

शायरी

१- कहाँ कहाँ नहीं खोजा तुमने, एक कतरा सच्ची मोहोब्बत का।

   कभी तो गौर से ऐ दोस्त, मेरी आँखों में भी देखा होता ।।

२- आँखो तक आया प्यार, निकल कर बह न सका।

   तुम समझ न पाये यार, और मैं कह न सका।।

३- काँटे टूट गये छूकर हमको, फूलों ने लहूलुहान कर दिया।

   दुश्मन काँपते रहे डर से, दोस्तों ने परेशान कर दिया।।

४- ये राह ए इश्क है, जरा संभलना, यहाँ कदम कदम पर दर्द मिलते हैं।

   सूरत पे मत जाना दोस्तों, अक्सर, इस राह पर लोग बडे बेदर्द मिलते हैं।।

५- चलो मेरा उनको छेड़ना कुछ काम तो आया,

   बदनाम करने को ही सही,

   उनकी जुबाँ पे मेरा नाम तो आया।

 ६- मत छूना अपने होठों से, जल जायेंगे सब गीत मेरे।

   हैं छन्द मेरे प्रेयसि मधुमय, अंगारे हैं ये अधर तेरे।

७- कितनी भी ड़ालियाँ बदल ले, कितना भी मीठा बोल ले

   इस जमाने की सदा यही रीत है रही,

   तुझे सुन के सब चले जायेंगे कोयल, कोई तुझे पालेगा नहीं।

८- कितने भी गहरे भाव लिखें हम, कविता कहलायेंगे।

   तुम छू दो होंठों से शब्दों को, गीत वो बन जायेगें ।।

९- कभी किसी को टूटकर प्यार मत करना, वरना,

   हल्की सी ठोकर से तुमको पड़ जायेगा बिखरना ।

3 टिप्‍पणियां:

  1. तुझे सुन के सब चले जायेंगे कोयल, कोई तुझे पालेगा नहीं।
    BEAUTIFUL
    BUT AGAIN I REPEAT "KASO" BAHUT ACHHI KAVITA AAPKE BHEETAR CHHIPI BAITHI HAI..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत खूबसूरत शायरी दोस्त मज़ा आ गया :)

    जवाब देंहटाएं
  3. वैसे तो हर शेर बेहतरीन है मगर जिसे quote कर रही हूं वह तो सीधा दिल में उतर गया -

    " कभी किसी को टूटकर प्यार मत करना, वरना,

    हल्की सी ठोकर से तुमको पड़ जायेगा बिखरना ।"

    जवाब देंहटाएं

जो मन में आ रहा है कह डालिए।